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Alwar News: 500 ट्रैक्टरों की फौज के साथ किसानों ने अलवर कूच की करी घोषणा, आखिर किस कारण भड़के 40 गांवों के किसान? जानिए पूरा मामला

 
Alwar News: अलवर से बड़ी खबर आ रही है। अलवर जिले के सिलीसेढ़ क्षेत्र में बोरिंग कर पानी सप्लाई करने की योजना के खिलाफ किसानों का विरोध अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। "झील बचाओ, किसान बचाओ" संघर्ष समिति के बैनर तले यह आंदोलन अब केवल पर्यावरणीय चिंता नहीं बल्कि ग्रामीणों के अधिकारों की लड़ाई बन चुका है। झील बचाओ किसान बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले 40 से अधिक गांवों के किसान 21 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और अब उन्होंने अलवर तक मार्च की घोषणा की है। किसानों ने घोषणा की कि वे 500 से अधिक ट्रैक्टरों के काफिले के साथ तीन से चार हजार की संख्या में गुरुवार को अलवर पहुंचेंगे। इससे पहले समिति ने बताया कि यह कदम न केवल पानी की चोरी के खिलाफ है, बल्कि किसानों के अधिकारों और सिलिसेढ़ झील की पारिस्थितिकी को बचाने की लड़ाई भी है। किसानों की इस रणनीति को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने अलवर शहर की सीमा पर कड़ी सुरक्षा व भारी बैरिकेडिंग कर दी। किसानों को ट्रैक्टरों के साथ शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए। समिति ने स्पष्ट किया कि जब तक झील से पानी निकालने की योजना वापस नहीं ले ली जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। कई बार की वार्ता के बाद भी प्रशासन और किसानों के बीच कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है। गुरुवार का दिन प्रशासन और किसानों के लिए बड़ा दिन माना जा रहा था। अब देखना यह है कि सरकार किसानों की मांगों पर विचार करती है या फिर आंदोलन और तेज होगा। यातायात व्यवस्था की निगरानी के अलावा शहर के मुख्य मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि सिलीसेढ़ झील का पानी पारंपरिक रूप से आसपास के गांवों में कृषि और पशुपालन के लिए जीवन रेखा रहा है। शहर को पेयजल आपूर्ति के लिए बोरिंग के माध्यम से झील से पानी निकालना ग्रामीणों के अधिकारों का उल्लंघन है और यह झील के अस्तित्व को खतरे में डालने वाला कदम है। विरोध प्रदर्शन के लिए प्रतिदिन लाखों लोग एकत्रित होते थे। महिलाओं और युवाओं की भागीदारी ने आंदोलन को नई ऊर्जा दी।

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