राजस्थान सरकार का बड़ा तोहफा, गृहकर और नगरीय विकास कर में दे दी बड़ी राहत

House Tax Exemption: राजस्थान के नागरिकों बड़ी राहत मिल चुकी हैं। नगरीय और गृहकर विकास को लेकर राजस्थान सरकार ने भारी छूट दे दी हैं। इस योजना में शहरीवासी भी बची हुई राशि को जमा करवाकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
राजस्थान के उदयपुर शहर में 2700 स्क्वायर फीट या इससे अधिक के आवासीय भूखंड, भवन एवं 900 स्क्वायर फीट या इससे अधिक का व्यवसायिक भूखंड या भवन दोनों नगरीय विकास कर की श्रेणी में शामिल है।गृह कर एवं नगरीय विकास कर में राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही विशेष छूट को लेकर निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना ने शहरवासियों से अपील की कि राज्य सरकार द्वारा 3 माह बाद फिर से और केवल 30 सितंबर तक विशेष छूट प्रदान की है, जिसका लाभ सभी शहरवासी ले।
ऐसे शहरवासी जो कर देने की श्रेणी में आते हैं जिनका कर बकाया है, उन शहरवासियों को इस छूट का लाभ लेना चाहिए। आयुक्त ने सभी से अपील करते आगाह भी किया है कि सरकार द्वारा हर हाल में यह पैसा वसूला जाएगा, इससे शहरवासी अपना बकाया गृह कर एवं नगरीय विकास कर जमा करवा दें नगरीय विकास कर की गणना में यदि किसी शहरवासी को कोई भी समस्या या शंका है तो वह निगम की राजस्व शाखा में आकर राजस्व अधिकारी नितेश भटनागर से संपर्क करें।
राजस्व अधिकारी द्वारा सभी प्रकार की समस्या का समाधान किया जाएगा। स्वायत्त शासन विभाग राजस्थान सरकार जयपुर ने 18 जून को अधिसूचना जारी की थी, जिसमें राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 107 (4) के तहत गृहकर एवं नगरीय विकास कर एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज एवं पेनल्टी में माफी का प्रावधान रखा था।
ऐसे शहरवासी जिन्होंने अपना गृहकर अभी तक जमा नहीं करवाया है, उन्हें संपूर्ण बकाया गृहकर आवासीय अथवा व्यवसायिक भूखंड दोनों का एकमुश्त जमा करने पर मूल गृहकर की राशि पर 50 फीसदी की छूट एवं शास्ती पर शत प्रतिशत छूट सरकार द्वारा प्रदान की है। नगरीय विकास कर के तहत वर्ष 2023-24 तक एकमुश्त राशि जमा कराने पर लगाए ब्याज व शास्ती पर शत प्रतिशत छूट दी है। जिन प्रकरणों में 13 वर्ष से पूर्व यानि 2011-12 से पूर्व का नगरीय विकास कर बकाया है उन प्रकरणों में भी एक मुश्त राशि जमा कराने पर उस अवधि के नगरीय विकास कर में ब्याज पेनल्टी की छूट के साथ-साथ मूल बकाया में भी 50 प्रतिशत की छूट राज्य सरकार द्वारा प्रदान की है।