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राजस्थान हरियाणा की दिल्ली से नई कनेक्टिविटी बनाएगी यह रेलवे लाइन, केंद्र सरकार ने 2500 करोड़ के बजट को दिखाई हरी झंडी

केंद्र सरकार ने एक बड़ा तोहफा दे दिया है जिससे राजस्थान हरियाणा की दिल्ली से तगड़ी कनेक्टिविटी होने वाली है। केंद्र सरकार ने पचास साल पुरानी मांग को मंजूरी देकर जनता में खुशी की लहर दौड़ा दी है। 
 
New Railway Line

New Railway Line: केंद्र सरकार ने एक बड़ा तोहफा दे दिया है जिससे राजस्थान हरियाणा की दिल्ली से तगड़ी कनेक्टिविटी होने वाली है। केंद्र सरकार ने पचास साल पुरानी मांग को मंजूरी देकर जनता में खुशी की लहर दौड़ा दी है। 

हरियाणा में मेवात क्षेत्र को इस खास तोहफे का बड़ा लाभ मिलने जा रहा है। अब यहाँ से होकर ट्रेन गुजरने का सपना पूरा होने को है।  इस परियोजना के लिए रेलवे को 2,500 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। दिल्ली से सोहना और फिरोजपुर झिरका से अलवर तक 104 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन होगी। सात स्टेशन प्रस्तावित हैं। यह संख्या अधिक भी हो सकती है। परियोजना के लिए शेष औपचारिकताओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसे तीन वर्षों में पूरा किया जाना है। 
 
इस रेलवे लाइन की मांग पहली बार 1971 में उठाई गई थी जब गुड़गांव के सांसद चौधरी तैयब हुसैन ने क्षेत्र के लिए रेलवे लाइन की मांग की थी। केंद्र सरकार ने भी एक सर्वेक्षण कराया था। इसके बाद जब भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव हुए तो राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने नूंह को रेलवे लाइन से जोड़ने का दावा किया। सर्वेक्षण भी पांच बार आयोजित किये गये। पिछले बजट में मोदी सरकार ने राज्य सरकार की सिफारिश पर इस योजना को हरी झंडी दी थी। 

इससे पहले दिसंबर 2024 में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से विधायक धर्मबीर सिंह और गुड़गांव सीट से विधायक व केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मेवात में रेलवे लाइन की कमी का मुद्दा उठाया था। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा था कि देश का सबसे पिछड़ा जिला नूंह रेलवे सुविधा की उपलब्धता में आगे आएगा और पिछड़ेपन के टैग से बाहर आएगा। हरियाणा के मेवात क्षेत्र के लोगों का यहां से गुजरने वाली रेलगाड़ी को देखने और उसमें यात्रा करने का सपना अब साकार होगा। 

इस रेलवे लाइन की मांग पहली बार 1971 में उठाई गई थी जब गुड़गांव के सांसद चौधरी तैयब हुसैन ने क्षेत्र के लिए रेलवे लाइन की मांग की थी। केंद्र सरकार ने भी एक सर्वेक्षण कराया था। इसके बाद जब भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव हुए तो राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों ने नूंह को रेलवे लाइन से जोड़ने का दावा किया। सर्वेक्षण भी पांच बार आयोजित किये गये।

पिछले बजट में मोदी सरकार ने राज्य सरकार की सिफारिश पर इस योजना को हरी झंडी दी थी। इससे पहले दिसंबर 2024 में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से विधायक धर्मबीर सिंह और गुड़गांव सीट से विधायक व केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मेवात में रेलवे लाइन की कमी का मुद्दा उठाया था।

नरेंद्र मोदी सरकार ने पचास साल पुरानी इस मांग को हरी झंडी दे दी है। इस परियोजना के लिए रेलवे को 2,500 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। दिल्ली से सोहना और फिरोजपुर झिरका से अलवर तक 104 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन होगी। सात स्टेशन प्रस्तावित हैं। यह संख्या अधिक भी हो सकती है। परियोजना के लिए शेष औपचारिकताओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसे तीन वर्षों में पूरा किया जाना है।