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Rajasthan News: राजस्थान में जल संकट से राहत! 'हर खेत में तालाब' योजना से 6,000 ग्रामीण होंगे लाभान्वित

वैज्ञानिक पद्धति से निर्मित 75 कृषि तालाबों से वर्ष भर 300 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई हो सकेगी। ऐसा माना जाता है कि क्षेत्र के 6,000 से अधिक ग्रामीणों, जिनमें से अधिकांश छोटे किसान और पशुपालक हैं, को इससे प्रत्यक्ष लाभ हुआ है। आपको बता दें राजस्थान में जलवायु अनुकूल कृषि तालाबों के निर्माण पर आधारित वर्षा जल संचयन परियोजना शुरू की गई है। 
 
 राजस्थान में जल संकट से राहत! 'हर खेत में तालाब' योजना से 6,000 ग्रामीण होंगे लाभान्वित

Rajasthan News: वैज्ञानिक पद्धति से निर्मित 75 कृषि तालाबों से वर्ष भर 300 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई हो सकेगी। ऐसा माना जाता है कि क्षेत्र के 6,000 से अधिक ग्रामीणों, जिनमें से अधिकांश छोटे किसान और पशुपालक हैं, को इससे प्रत्यक्ष लाभ हुआ है। आपको बता दें राजस्थान में जलवायु अनुकूल कृषि तालाबों के निर्माण पर आधारित वर्षा जल संचयन परियोजना शुरू की गई है। 

यह परियोजना कुकस जयपुर में स्थित है और इसकी क्षमता 15 करोड़ लीटर प्रति वर्ष होगी। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस पहल के तहत प्रत्येक किसान की 5 प्रतिशत भूमि पर 10 फुट गहरे प्लास्टिक के तालाब खोदे जाएंगे, जिन्हें बाड़ लगाकर मजबूत किया जाएगा। 

खेतों में सीधे गिरने वाले वर्षा जल को एकत्र करने के लिए बनाए गए तालाबों में वर्षा का पानी भरने लगा है। एटॉमिक एनर्जी इवोल्यूशन अवेयरनेस फाउंडेशन की विप्रा गोयल ने कहा, “मानसून के मौसम के अंत में, कृषि तालाब वर्षा आधारित क्षेत्रों में स्थायी जल स्रोत के रूप में उभरेंगे।

फाउंडेशन ने कुकस क्षेत्र में परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए हीरो मोटोकॉर्प की ‘हीरो वी केयर’ कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) शाखा के साथ साझेदारी की है। यह वह स्थान है जहां कभी बारहमासी कचेरवाला नदी सूख गयी थी। 200 से अधिक कुएं और हैंडपंप बेकार पड़े हैं।

क्षेत्र में भूजल स्तर 1,000 फीट नीचे गिर गया है। आईआईटी-खड़गपुर के छात्र गोयल ने जल संकट को हल करने के लिए ग्रामीण जल मॉडल विकसित करने हेतु जयपुर और दौसा जिलों के किसानों के साथ काम किया। ‘हर खेत में तालाब’ पहल कुकुस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण होगी। 

यहां के ग्रामीण पीने, घरेलू और कृषि कार्यों के लिए पूरी तरह भूजल पर निर्भर हैं। इस परियोजना का औपचारिक शुभारंभ किसान कालूराम मीना की भूमि पर 29.5 लाख लीटर क्षमता वाले कृषि तालाब के उद्घाटन के साथ हुआ। स्मारक बोर्ड के अनावरण के बाद महिलाओं ने पारंपरिक राजस्थानी गीत और नृत्य प्रस्तुत किए तथा अतिथियों ने ग्रामीणों के साथ तालाब के किनारे पौधे रोपे। Rajasthan News