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Rajasthan Mandi Strike: राजस्थान की 247 मंडियों में 4 दिन की हड़ताल, जाने वजह 

ये हैं व्यापारियों की मांगे 

 
rajasthan mandi strike

Rajasthan Mandi Strike: राजस्थान में कुल 247 मंडियों में सांकेतिक बंद का एलान किया गया है। मंडी में 2,3,4 और 5 जुलाई को हड़ताल होगी। राजस्थान फूड प्रोडक्ट्स ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सरकार द्वारा 1 जुलाई से लागू किए गए 1 प्रतिशत मंडी उपकर के विरोध में यह निर्णय लिया है। तेल मिलों, आटा मिलों, दाल मिलों और मसाला उद्योग से जुड़े व्यापारी भी बंद का समर्थन करेंगे। हड़ताल से राज्य में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना है।

संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने कहा कि 23 जून को हुई कार्यकारिणी की बैठक में सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगें की गईं, जिनमें से एक भी पूरी नहीं की गई। इसके बाद राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हुए। हमारी मांगें स्पष्ट हैं। मंडियों और खाद्य व्यवसाय से संबंधित निर्णय व्यापारियों के संघों से परामर्श किए बिना लिए जा रहे हैं।

व्यापारियों की क्या मांगें हैं?  Rajasthan Mandi Strike
किसान कल्याण शुल्क को अगले 3 वर्षों के लिए 0.50 प्रतिशत तक बढ़ाया जाना चाहिए। राज्य के बाहर से आने वाली कृषि वस्तुओं पर मंडी उपकर और किसान कल्याण शुल्क नहीं लगाया जाना चाहिए। चीनी पर शुल्क पूरी तरह से समाप्त किया जाना चाहिए। मोटे अनाजों पर 2.25 प्रतिशत कर लगाया जाना चाहिए। सभी कृषि जिंसों (जीरा और इसबगोल को छोड़कर) पर बाजार उपकर 1 प्रतिशत होना चाहिए। मंडियों में किराए की दुकानों को डीएलसी दर के 25% पर स्वामित्व अधिकार दिए जाने चाहिए। 

अजमेर मंडी की जली हुई दुकानों का निर्माण जल्द से जल्द किया जाए। बीकानेर, खेरली, टोंक, नोखा, गंगापुरसिटीऔर अन्य मंडियों में अधूरी जमीन और दुकानों से जुड़ी समस्याओं का स्थायी समाधान होना चाहिए। पुराने मीलों को भी वही छूट मिलनी चाहिए जो नए मीलों को दी जा रही है। माफी योजना लाकर ब्याज और जुर्माने को माफ करने का आदेश जारी किया जाना चाहिए। 

आवक और आपूर्ति पर प्रभाव  Rajasthan Mandi Strike
एसोसिएशन ने कहा कि राज्य सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद न तो समस्याओं का समाधान किया गया और न ही व्यापारियों को राहत देने के लिए कोई निर्देश जारी किए गए। इससे व्यापारियों में रोष व्याप्त है। राज्य की 247 मंडियों में चार दिनों तक व्यापार बंद रहने से कृषि उत्पादों की आवक और आपूर्ति प्रभावित होने की संभावना है।

किसानों और उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ रहा है। राजस्थान फूड ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सरकार से अपील की है कि इस मुद्दे पर जल्द से जल्द सकारात्मक निर्णय लेकर आंदोलन की स्थिति को समाप्त किया जाए, अन्यथा व्यापारी समुदाय को अपने हितों की रक्षा के लिए और कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं।