Rajasthan High Court का कड़ा रूख, जर्जर पड़े स्कूल भवनों के लिए दिए ये आदेश
बड़ी कार्रवाई की तैयारी, जाने विस्तार से
Rajasthan High Court: राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को जर्जर इमारतों में सरकारी स्कूलों की कक्षाएं चलाने की अनुमति देने से रोक दिया है। साथ ही, इन स्कूलों से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक उपाय करने को भी कहा है।
अदालत ने मुख्य शिक्षा सचिव से एक हलफनामा मांगा है जिसमें कहा गया हो कि उनकी जानकारी के अनुसार, जर्जर इमारतों में कक्षाएं नहीं चल रही हैं। सुनवाई 4 सितंबर को होगी।
न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल और अशोक कुमार जैन की विशेष पीठ ने शुक्रवार को स्कूल भवनों के संबंध में दायर पदेन याचिकाओं और प्रोफेसर राजीव गुप्ता द्वारा दायर न्यायिक हस्तक्षेप याचिका (पीआईएल) के जवाब में यह आदेश जारी किया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने केंद्र से जवाब के लिए समय मांगा।
कोर्टरूम लाइव: सुरक्षा पर विशेष ध्यान दें
- सॉलिसिटर जनरल राजेंद्र प्रसाद
राज्य सरकार ने जर्जर स्कूल भवनों में कक्षाएं न लगाने के निर्देश जारी किए हैं।
- कोर्ट - क्या स्कूलों में दुर्घटनाएँ रोकी जा सकेंगी?
- अटॉर्नी जनरल - सभी स्कूलों में सर्वेक्षण किया जा रहा है और ऐसी इमारतों की पहचान के लिए एक समिति का गठन किया जा रहा है। स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए बजट आवंटित किया गया है।
- कोर्ट - शिक्षा सचिव को दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा जिसमें यह प्रमाणित किया जाएगा कि जिन सरकारी स्कूलों में जर्जर इमारतें पाई गई हैं, वहाँ बच्चे नहीं जा रहे हैं। स्कूलों को मानसून के दौरान बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। अनुपालन रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं की गई है। ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जर्जर इमारतों में कक्षाएं न लगें। Rajasthan High Court
- अटॉर्नी जनरल - यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो हम उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। जर्जर इमारतों का निरंतर सर्वेक्षण किया जा रहा है, लेकिन अदालत चाहे तो निर्देश जारी कर सकती है।
- कोर्ट - राज्य के सरकारी स्कूलों में संसाधनों के संबंध में 11 नवंबर, 2022 को जारी आदेश की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी चाहिए।