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राजस्थान में जांच के बाद 4 सीनियर टीचर्स पर विभाग की बड़ी कार्रवाई, किया सेवामुक्त

जाने क्या है मामला

 
RAJASTHAN NEWS

Rajasthan: संस्कृत शिक्षा विभाग निदेशालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विभाग में कार्यरत चार पूर्ण प्राध्यापकों को सेवामुक्त कर दिया है। विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन प्राध्यापकों ने नियुक्ति के समय विकलांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे।

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के डॉक्टरों ने बाद में इन प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया। जाँच में ये प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। विभाग ने उन्हें अयोग्य घोषित कर तत्काल प्रभाव से उनकी सेवा समाप्त करने का निर्णय लिया।

इस प्रकार हुआ इनका चयन:
जानकारी के अनुसार, इन प्राध्यापकों का चयन 2022 में आयोजित पूर्ण प्राध्यापक (संस्कृत शिक्षा) प्रतियोगिता के माध्यम से हुआ था। प्रतियोगिता के बाद, नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान, उन्होंने विकलांगता का दावा किया और पद प्राप्त किया। हालाँकि, दस्तावेज़ सत्यापन में अनियमितताएँ पाए जाने के बाद, विभाग ने उचित कार्रवाई की। Rajasthan

संस्कृत शिक्षा विभाग ने क्या कहा?
संस्कृत शिक्षा विभाग ने संकेत दिया है कि चयन प्रक्रिया के दौरान प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेजों का सत्यापन किया जाना चाहिए, और फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग करने वाले किसी भी व्यक्ति को छूट नहीं दी जाएगी। विभाग की इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि अब फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाना संभव नहीं होगा और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस कदम के बाद, विभाग के अन्य कर्मचारियों और अभ्यर्थियों को भी केवल प्रामाणिक और सत्यापित प्रमाण पत्र ही प्रस्तुत करने की चेतावनी दी गई। विभाग ने स्पष्ट किया कि नियुक्तियाँ पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ जारी रहेंगी। Rajasthan