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Rajasthan AI Mining: राजस्थान में इन जिलों की हो गई चांदी, खनिज क्षेत्र में नई क्रांति, पहली बार होगा AI का इस्तेमाल

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Rajasthan AI Mining

Rajasthan AI Mining: राजस्थान में खनिज संपदा की खोज में नई क्रान्ति आने वाली है। खनिज माइनिंग में अब पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। टी रविकांत, प्रमुख सचिव, खान और भूविज्ञान ने बताया कि, पायलट परियोजना के तहत, चित्तौरगढ़, भीलवाड़ा और भरतपुर के कुछ इलाकों में AI की मदद से जरूरी और रणनीतिक खनिजों की क्षमता वाले स्थानों की पहचान होगी। इस नवाचार के लिए, राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण न्यास (आरएसएमईटी) केंद्र सरकार और अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसी के सहयोग से काम करना शुरू कर देगा।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, जो राज्य के खान मंत्री भी हैं, राजस्थान को खनिज अन्वेषण और खनन के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। 

प्रधान सचिव रविकांत ने बताया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित पायलट परियोजना में भीलवाड़ा, भरतपुर और चित्तौड़गढ़ में संभावित खनिज क्षेत्रों की पहचान की जाएगी। नमूनों की ड्रिलिंग और रासायनिक विश्लेषण एआई अध्ययन से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। परिणामों के आधार पर खनिज ब्लॉक तैयार किए जाएंगे और उनकी नीलामी की जाएगी। उन्होंने कहा कि पारंपरिक खोज विधियों में अधिक समय और धन लगता है, जबकि एआई प्रौद्योगिकी समय, श्रम और लागत की बचत करेगी। साथ ही, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खनिजों की उपलब्धता और गुणवत्ता की पुष्टि करने में सटीकता बढ़ेगी।

एआई की मदद से खनिजों का विश्लेषण किया जाएगा Rajasthan AI Mining
केंद्र सरकार की हैदराबाद स्थित अधिसूचित निजी अन्वेषण एजेंसी (एनपीईए) क्रिटिकल मिनरल ट्रैकर एआई का उपयोग करके खनिज अन्वेषण में डेटा का विश्लेषण करेगी। इसमें सैटेलाइट मैपिंग, ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार और केंद्र और राज्य सरकारों के उपलब्ध आंकड़ों का विभिन्न चरणों में विश्लेषण किया जाएगा। यह तकनीक क्षेत्र में खनिजों की उपलब्धता और गुणवत्ता का सटीक आकलन करेगी। राजस्थान में चूना पत्थर, तांबा, क्षारीय धातु, लोहा और महत्वपूर्ण रणनीतिक खनिजों के विशाल भंडार होने की संभावना है। Rajasthan AI Mining

खान निदेशक दीपक तंवर ने कहा कि खनिज अन्वेषण में पहली बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जा रहा है, जिससे राज्य में खनिज अन्वेषण को नई दिशा और गति मिलेगी। यह पायलट परियोजना महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में क्रिटिकल मिनरल ट्रेकर द्वारा किए जा रहे काम की तर्ज पर शुरू की जा रही है।