Good News, राजस्थान जुड़ेगा अरब सागर से, इस जिले में जल्द बनेगा इनलैंड पोर्ट 

खुलेंगे रोजगार के हजारों अवसर 

 

Jalore News: राजस्थान अब सीधा समुद्री संपर्क स्थापित करने की तैयारी में है। राज्य का जालोर ज़िला कच्छ की खाड़ी के रास्ते अरब सागर से सीधे जुड़ जाएगा। जालोर में एक अंतर्देशीय बंदरगाह (जलमार्ग) बनाया जाएगा। पिछले डेढ़ दशक से चल रहे प्रयासों ने अब गति पकड़ ली है। कांडला बंदरगाह से जालोर तक 262 किलोमीटर लंबा जलमार्ग बनाया जाएगा, जिस पर ₹10,000 करोड़ से अधिक की प्रस्तावित ड्रेजिंग लागत आएगी।

उद्योग, लॉजिस्टिक्स, रोज़गार और जलमार्ग संपर्क को मिलाकर राज्य एक लॉजिस्टिक्स पावरहाउस बनेगा। एक पूर्व-व्यवहार्यता रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान और गुजरात सहित आसपास के क्षेत्रों में 50,000 से अधिक रोज़गार सृजित होंगे। हालाँकि, जालोर तक जलमार्ग के मार्गों का अभी अध्ययन किया जा रहा है। इसमें भवातारा-नवलखी मार्ग और कांडला क्रीक (लगभग 262 किलोमीटर) शामिल हैं। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप दिए जाने के बाद ही पूरी रूपरेखा स्पष्ट होगी। Jalore News

लॉजिस्टिक्स हब बनने की राह
- लूनी-जवाई बेसिन और जालोर-बाड़मेर क्षेत्र में कपड़ा, पत्थर, कृषि उत्पाद, तिलहन, ग्वार, दालें और बाजरा से जुड़ी महत्वपूर्ण व्यापारिक गतिविधियाँ होती हैं। एक रिफाइनरी परियोजना भी निकट ही स्थित है।
- माल का एक बड़ा हिस्सा जलमार्गों के माध्यम से परिवहन किया जाएगा, जिससे सड़क और रेल पर बोझ कम होगा।
- माल ढुलाई क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। भारी और बड़े आकार के माल की आवाजाही आसान होगी, जिससे नए उद्योगों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
- वेयरहाउसिंग, बंदरगाह सेवाएँ, कोल्ड स्टोरेज और औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जाएँगे। Jalore News

मुंबई में समझौता ज्ञापन, राष्ट्रीय जलमार्ग-48
राजस्थान नदी बेसिन एवं जल संसाधन योजना प्राधिकरण और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के बीच मुंबई में एक अंतर्देशीय बंदरगाह के निर्माण के संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। जवाई-लूनी-रन ऑफ कच्छ नदी प्रणाली को राष्ट्रीय जलमार्ग-48 घोषित किए जाने के बाद, यह जालोर में एक अंतर्देशीय बंदरगाह विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रस्तावित जलमार्ग 45 मीटर चौड़ा और 8 मीटर गहरा होगा। इसका लगभग 14 किलोमीटर हिस्सा राजस्थान में होगा। आईआईटी मद्रास इसका सर्वेक्षण कर रहा है।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो चुके हैं
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो चुके हैं और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) अंतिम चरण में है। जालोर को कच्छ से जलमार्ग से जोड़ा जाएगा। यहाँ एक अंतर्देशीय बंदरगाह बनाया जाएगा और मालवाहक जहाज चलेंगे। एक लॉजिस्टिक्स पावर कॉरिडोर भी बनाया जाएगा।
- सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री 
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