Rule Change: आधार ले लेकर UPI तक, कल 1 जुलाई से बदल जाएंगे ये नियम
जेब पर पड़ सकता है इसका असर!

Rule Change: 1 जुलाई 2025 से कुछ वित्तीय बदलाव लागू होंगे। इससे डिजिटल पेमेंट, टैक्स फाइलिंग और रेलवे बुकिंग जैसे कुछ वित्तीय लेन-देन प्रभावित होंगे। ये बदलाव पैन कार्ड, जीएसटी फाइलिंग, IRCTC टिकट बुकिंग और UPI पेमेंट में होंगे।
1. पैन आवेदन के लिए आधार अनिवार्य
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा है कि 1 जुलाई 2025 से पैन कार्ड के लिए आवेदन करने वाले लोगों को आधार कार्ड जमा करना होगा। इससे पहले, पैन आवेदन के लिए सिर्फ आधार ही नहीं बल्कि दूसरे पहचान पत्रों और जन्म प्रमाण पत्र की मदद से भी आवेदन किया जा सकता था। करदाताओं की आसानी से पहचान करने के लिए यह फैसला लिया गया था। Rule Change
2. सरलीकृत UPI चार्जबैक प्रक्रिया
वास्तविक रिफंड दावों में जटिलता और देरी को कम करने के लिए, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) चार्जबैक प्रक्रिया को संशोधित किया है। अब तक, NPCI को UPI संदर्भ शिकायत प्रणाली (URCS) के माध्यम से अस्वीकृत चार्जबैक मामलों को मैन्युअल रूप से श्वेतसूची में डालना पड़ता था। हालाँकि, यह प्रक्रिया बहुत समय लेने वाली थी, इसलिए इसे सरल बनाया गया है।'
जुलाई 2025 से:
अब, बैंक और भुगतान संस्थान NPCI मंजूरी की प्रतीक्षा किए बिना मानक अस्वीकृति चार्जबैक को सीधे पुनः संसाधित कर सकते हैं। जिस ग्राहक का लेनदेन विफल हो गया है, उसका मुद्दा तेजी से हल हो जाएगा। इस बदलाव से UPI लेनदेन करने वाले ग्राहकों का विश्वास बढ़ने की उम्मीद है। Rule Change
3. तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार ओटीपी
जुलाई से भारतीय रेलवे ने कहा है कि जो लोग IRCTC की वेबसाइट और मोबाइल ऐप के जरिए टिकट बुक करना चाहते हैं, उन्हें आधार वेरिफिकेशन कराना होगा। 15 जुलाई से सिर्फ ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए ही नहीं, बल्कि तत्काल टिकट बुकिंग के लिए भी आधार ओटीपी वेरिफिकेशन जरूरी होगा।
4. GST रिटर्न फाइलिंग पर नए प्रतिबंध
7 जून, 2025 को, माल और सेवा कर नेटवर्क (GSTN) ने घोषणा की कि जुलाई 2025 से सभी मासिक GST रिटर्न गैर-संपादन योग्य होंगे।
मुख्य परिवर्तन:
GST फाइलिंग के बाद मासिक GSTR-3B फाइलिंग लॉक हो जाएगी। जीएसटी फाइलिंग हो जाने के बाद कोई सुधार या संशोधन की अनुमति नहीं होगी। रिटर्न फाइलिंग के लिए तीन साल की नई सीमा शुरू की गई है। समय सीमा के बाद रिटर्न जमा नहीं किया जा सकता। यह फॉर्म जीएसटीआर-1, 3बी, 4, 5, 5ए, 6, 7, 8 और 9 पर लागू होता है। 5. जीएसटी स्पेक्ट्रम: व्यवसायों के लिए आगे क्या है? जीएसटी रिटर्न में बदलाव करना अक्सर एक दर्द होता है, लेकिन इसका असर व्यवसायों, विशेष रूप से सेवा प्रदाताओं और एसएमई द्वारा महसूस किया जाता है, जो देर से रिटर्न दाखिल करते हैं। यहाँ कुछ शीर्ष सुझाव दिए गए हैं जो कर पेशेवर व्यवसायों को देते हैं: अपनी मासिक जीएसटी फाइलिंग को अच्छी तरह से जांचें। तीन साल की सीमा से परे जीएसटी भुगतान या रिटर्न फाइलिंग में देरी न करें। किसी भी दंड से बचने के लिए, सटीक मासिक डेटा प्रदान करें। Rule Change