Bikaner News: SIR के अंतर्गत लगे कर्मचारी अवसाद और मानसिक तनाव से ग्रस्त, महासंघ ने CM को सौंपा 11 सूत्रीय ज्ञापन

 

Breaking News: अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेश अध्यक्ष केसर सिंह चंपावत और प्रदेश महासचिव जागेश्वर प्रसाद शर्मा ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर राज्य भर में चल रहे विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम के दौरान पर्यवेक्षक/बीएलओ कार्य में लगे शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे अमानवीय व्यवहार पर गहरा रोष व्यक्त किया।

उन्होंने बताया कि अनावश्यक दबाव और भय के कारण, एसआईआर कार्य में लगे कर्मचारी अवसाद और मानसिक तनाव से ग्रस्त हैं। उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई, निलंबन और बर्खास्तगी की धमकियों के बीच दिन-रात काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। स्थिति इतनी विकट हो गई है कि कर्मचारियों को 14 से 18 घंटे फील्ड में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। Breaking News

इस अमानवीय दबाव के कारण अजमेर में दो शिक्षिकाएँ बेहोश हो गईं और जयपुर में एक शिक्षक मुकेश कुमार जांगिड़ ने आत्महत्या कर ली।

प्रदेश महासचिव जागेश्वर प्रसाद शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री को सौंपे गए 11 सूत्रीय ज्ञापन में इस विकट स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है और मृतक शिक्षक के आश्रित परिवार के एक सदस्य को आर्थिक मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है।

महासंघ के प्रदेश संयुक्त सचिव हरिश्चंद्र प्रजापति ने राज्य चुनाव आयोग से अपील करते हुए कहा कि एसआईआर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और इसे समय पर तभी पूरा किया जा सकता है जब अधिकारी शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखें।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों पर पहले से ही दोहरी ज़िम्मेदारियाँ हैं -
एक ओर एसआईआर का दबाव, और दूसरी ओर छात्रों को नियमित रूप से पढ़ाना और अर्धवार्षिक परीक्षाएँ आयोजित करना।

इसलिए सुझाव दिया गया कि विद्यालयों के केवल एक तिहाई शिक्षकों को ही एसआईआर कार्य के लिए लगाया जाए ताकि शिक्षण व्यवस्था बाधित न हो। Breaking News

तकनीकी प्रदेश अध्यक्ष (जलदाय विभाग) रमेश उपाध्याय ने भी इस पूरे मामले में महासंघ की चिंताओं और माँगों का पूर्ण समर्थन किया और शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ संवेदनशील व्यवहार की आवश्यकता पर बल दिया।