श्री नवलेश्वर मठ सिद्धपीठ में योग एवं संस्कार शिविर का आध्यात्मिक समापन,यज्ञ में सैकड़ों बच्चों ने दी आहुतियां
Jun 26, 2025, 14:11 IST

बीकानेर|पतंजलि योग समिति युवा भारत के तत्वावधान में पिछले 18 मई से एम.एम ग्राउंड में लगातार चल रहे निःशुल्क योग एवं खेलकूद संस्कार शिविर का भव्य आध्यात्मिक समापन समारोह श्री नवलेश्वर मठ,श्री विवेकनाथ जी की बगेची में यज्ञ-हवन के साथ संपन्न हुआ। यह आध्यात्मिक समापन श्री नवलेश्वर मठ सिद्धपीठ के अधिष्ठाता पूज्य श्री श्री 108 योगी शिवसत्यनाथ जी महाराज के पावन सान्निध्य में संपन्न हुआ जिसमें विद्वान पंडितों के द्वारा यज्ञ हवन अनुष्ठान वैदिक मंत्रों द्वारा पूर्ण विधि-विधान से सम्पन्न कराया गया,जिसमें सैकड़ों बच्चों सहित उनके अभिभावकों ने आहुतियाँ अर्पित कर पुण्य लाभ अर्जित किया। शिविर के संयोजक नंदकिशोर गहलोत ने बताया कि आज के इस समापन अवसर को भजन-कीर्तन, गीता स्वाध्याय एवं आध्यात्मिक प्रस्तुति के माध्यम से विशेष रूप से सुसज्जित किया गया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत गीता श्लोकों और भक्ति गीतों ने सभी को भावविभोर कर दिया। जिसमें बालक-बालिकाओं ने कहीं प्रकार की प्रस्तुतियां दी जिसमें बच्चों ने गीता जी के अध्याय का वाचन भी किया और भक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दी इस अवसर पर पतंजलि योग समिति के नरेंद्र सुथार,हितेंद्र मारू, विकास जोशी,विजय किराडू,सहित अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे ओर श्री विवेक नाथ जी बगेची से सेवादार पंडित राम प्रसाद पुरोहित,मेघराज सांखला अशोक जी सांखला,पंडित लोकेश शर्मा,पंडित गौरव जी,पंडित जीतू जी जोशी आदि में हवन यज्ञ विधि विधान से संपन्न कराया अवसर पर शिविर के शिविरार्थी बालक बालिकाओं के तिलक लगा करके उनके पैरों को धोया गया और वैदिक मंत्रों के साथ उनका अभिनंदन किया गया इस अवसर पर पूज्य संतों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन भी मिला पूज्य संत निश्चलानंद जी महाराज,पूज्य संत विलास नाथ जी महाराज,पूज्य संत ओमनाथ जी महाराज,पूज्य संत श्री नरेंद्र नाथ जी महाराज, पूज्य संत भास्कर नाथ जी महाराज का भी पावन सानिध्य प्राप्त हुआ और संतों ने अपने प्रवचन में बच्चों को योग सनातन धर्म अध्यात्म जीवन के बारे में प्रेरित किया और साथ ही बच्चों को नशा और बुरी संगत से बचने हेतु प्रेरित करते अपने सनातन धर्म के प्रति गौरवान्वित होने की बात कही बच्चों को शिखा (चोटी) रखने हेतु प्रेरित किया गया इस प्रकार यह आयोजन न केवल योग और स्वास्थ्य के लिए प्रेरणा का माध्यम बना, बल्कि संस्कार एवं आध्यात्मिक उन्नयन की दिशा में भी एक प्रभावशाली कदम सिद्ध हुआ।




