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जयपुर आगरा नेशनल हाईवे पर अब वाहनों की स्पीड होगी तेज, जाम को छूमंतर करेंगे 3 नए फ्लाइओवर

 
Jaipur-Agra National Highway : भारत में लगातार सड़क सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार व राज्य सरकार अपनी तरफ से लगातार पूरा प्रयास कर रही हैं, जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगातार बढ़ते जाम को देख भारतीय केंद्र सरकार ने जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन नए मेटलओवर बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है। ये तीन नए मेटलओवर यात्रयों को भारी जाम से मुक्ति मिलेगी और समय की भी बचत होगी। जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और लगातार लगने वाले जाम को देखा जा रहा है। यह फैसला राज्य और केंद्र द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर उठाए गए सख्त कदमों का हिस्सा है।जयपुर जिले से लेकर उपभोक्ताओं तक इस राजमार्ग पर कुछ ऐसे कट पॉइंट हैं जो हमेशा से सीमेंट जाम और बुराई का केंद्र बने हुए हैं। ऑटोमोबाइल उद्योगों की विफलता और एक दिन बर्बाद होने वाली कंपनी को ध्यान में रखते हुए इन स्थानों को विशेष रूप से लॉन्च किया गया है। ये सभी क्षेत्र जयपुर जिले में आते हैं और सड़क सुरक्षा की दृष्टि से ब्लैक स्पॉट माने जाने वाले 88 वीरान स्थानों में शामिल हैं। प्रत्येक सोसायटी की कुल लागत करीब ₹35 करोड़ आंकी गई है। जयपुर जिले में हाल ही में हुई सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया था। कंपनी के अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों ने इसकी समीक्षा की और अब इसे मंजूरी दे दी गई है। ऑर्थोओवर के निर्माण के अलावा जयपुर रिंग रोड के पास 52 फीट हनुमान मंदिर के सामने स्थित कट को भी बंद करने पर सहमति बनी है। इसका उद्देश्य डोमेन नेम और स्वामित्व को न्यूनतम करना है।सड़क सुरक्षा समिति द्वारा सूचीबद्ध 88 ब्लैक स्पॉट में से ये तीन स्थान सबसे खतरनाक जिले गिनी में हैं। यहां मशरूम बेल और मोल्ड की कीमत अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक है। इनकी संख्या में कमी आने की उम्मीद है। स्थानीय लोगों और कारीगरों द्वारा इन कट प्वाइंट पर स्टूडियो बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। यह मंजूरी इस रूट पर रोजाना सफर करने वाले सभी निवासियों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। इन प्रोटोटाइप के निर्माण से न केवल यात्रियों का समय बचेगा बल्कि जंगल बंगलों में भी कमी आएगी। इसके अलावा समाज में कमी आने से जान-माल का नुकसान भी कम होगा, जो सामाजिक दृष्टि से सकारात्मक पहल है।