Rajasthan News: मंडी सेस के विरोध में राजस्थान की मंडियां 5 जुलाई तक रहेंगी बंद, 247 मंडियों में आज से हड़ताल शुरू
Rajasthan News: राजस्थान सरकार द्वारा 1 जुलाई 2025 से लागू किए गए 1% मंडी सेस के विरोध में राज्य की 247 मंडियां 5 जुलाई तक बंद रहेंगी। इस फैसले के बाद राज्यभर में खाद्य व्यापारियों, तेल मिल, आटा मिल, दाल मिल, मसाला उद्योग से जुड़े कारोबारियों ने व्यापक हड़ताल का ऐलान किया है। यह विरोध राजस्थान खाद्य व्यापार संघ की अगुवाई में किया जा रहा है। Mandi Cess Protest Strike Rajasthan
राज्य सरकार ने मंडियों में 1% सेस लागू किया है, जिसे व्यापारी वर्ग अभूतपूर्व आर्थिक बोझ बता रहा है। व्यापारी संगठनों का कहना है कि न तो उनकी राय ली गई और न ही उनकी मांगों पर ध्यान दिया गया। हड़ताल के चलते राजस्थान में खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। राजस्थान खाद्य व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि 23 जून को हुई कार्यकारिणी की बैठक सरकार से कई अहम मांगे रखी गई थीं, जिनमें से सरकार द्वारा एक भी मांग पूरी नहीं की गई। Rajasthan Mandi Hadtal
इसके चलते प्रदेशव्यापी विरोध की घोषणा की गई है। हमारी मांगें स्पष्ट हैं। मंडियों और खाद्य कारोबार से जुड़े फैसले बिना व्यापारी संगठनों से बातचीत के लिए जा रहे हैं। कृषक कल्याण फीस को अगले 3 वर्षों तक 0.50 प्रतिशत किया जाए। राज्य के बाहर से आने वाली कृषि जिंसों पर मंडी सेस और कृषक कल्याण फीस न लगाई जाए। चीनी पर फीस पूरी तरह समाप्त की जाए। मोटे अनाज पर आढ़त 2.25 प्रतिशत लागू की जाए। Rajasthan Mandi Bhav
मंडियों में किराये की दुकानों को डीएलसी दर के 25% राशि पर मालिकाना हक दिया जाए। अजमेर मंडी की जली हुई दुकानों का निर्माण शीघ्र कराया जाए।बीकानेर, खेरली, टोंक, नोखा, गंगापुरसिटी व अन्य मंडियों की अधूरी जमीन व दुकान संबंधी समस्याओं का स्थाई समाधान हो। पुरानी मिलों को भी वही छूट मिले, जो नई मिलों को दी जा रही है। एमनेस्टी स्कीम लाकर ब्याज और पेनल्टी माफी का आदेश जारी किया जाए। Rajasthan hadtal
खाद्य व्यापार संघ का कहना है कि राज्य सरकार को बार-बार निवेदन के बावजूद न तो समस्याओं का समाधान किया गया और न ही व्यापारियों को राहत देने वाले कोई निर्देश जारी हुए। इससे व्यापारी वर्ग में आक्रोश है। राज्य की 247 मंडियों में चार दिन तक व्यापार बंद रहने से कृषि उत्पाद की आवक और आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं और किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। Mandi Cess Protest Strike Rajasthan