Isarda Dam: राजस्थान में बहेगी खुशहाली की धारा, नए साल से इन 7 शहरों और 1256 गांव को मिलेगा पानी
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Isarda Dam: पूर्वी राजस्थान की प्यास बुझाने के लिए सात साल की लंबी मेहनत रंग लाई है। 615 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ ईसरदा बांध इस मानसून में पहली बार लबालब भर गया। जनवरी से बांध से 28 विशाल गेटों वाला यह बांध दौसा और सवाई माधोपुर की जिंदगी बदलने जा रहा है।
इस मानसून में बांध का सफलतापूर्वक सुरक्षा परीक्षण कर 253 आरएल मीटर के पूर्ण भराव स्तर तक भर लिया है। इस बांध की भराव क्षमता को 3 से 10 टीएमसी किया जाएगा और फिर इससे रामगढ़ बांध को भरा जाएगा। Isarda Dam
इनकी निगरानी में पूरा हुआ बांध को भरने का टास्क
सीई- भुवन भास्कर,योगेश मित्तल
एसीई- देवी सिंह बेनीवाल
एसई- जितेन्द्र लुहाडिया
एक्सईएन- विकास गर्ग Isarda Dam
पहला बांध-दो जिलों की सीमा में बना
जल संसाधन विभाग की ओर से तैयार इस बांध की खासियत यह है कि यह राज्य का पहला बांध है जो दो जिलों की सीमा पर बना है। 14 गेट सवाईमाधोपुर जिले में और 14 गेट टॉक जिले की सीमा में हैं। इससे पहले बनास नदी पर केवल बीसलपुर बांध था, जो अजमेर, टोक और जयपुर की प्यास बुझाता रहा है। Isarda Dam
रामगढ़ बांध को भरने की राह दिख रही आसान
ईसरया बांध बनने के बाद अब जयपुर के रियासतकालीन रामगढ़ बांध को भरने की राह भी आसान होती दिख रही है। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत बांध की भराव क्षमता 3. से बढ़ाकर 10 टीएमसी की जाएगी। इसके बाद बांध से पाइप लाइन के जरिये पानी को रामगढ़ बांध लाया जाएगा। इसके लिए करीब 2 हजार करोड़ की परियोजना पर काम चल रहा है। Isarda Dam