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Samosa Jalebi Ban: हरियाणा के सरकारी दफ्तरों में समोसा-जलेबी बैन! जारी हुए सख्त निर्देश 

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Samosa Jalebi Ban: हरियाणा सरकार ने हाल ही में सरकारी कार्यालयों में समोसे और जलेबी जैसे तले हुए खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। साथ ही, उनसे जुड़े स्वास्थ्य खतरों के बारे में नोटिस लगाने की तैयारी भी की जा रही है  इस फैसले के बाद हरियाणा के गोहाना की मशहूर जलेबी एक बार फिर सुर्खियों में आ गई है।

गोहाना की जलेबी  
गोहाना की यह विशेष जलेबी आम जलेबी से बिल्कुल अलग है। इसे जलेबी कहना भी इसकी महिमा के साथ न्याय नहीं करता है। क्योंकि यहाँ इसे 'जलेब' कहा जाता है। इसका वजन लगभग 250 ग्राम है और यह शुद्ध देसी घी में तैयार किया जाता है, जो इसे और भी खास बनाता है। यह स्वादिष्ट मिठाई न केवल हरियाणा में बल्कि पूरे देश में लोकप्रिय है।

CM से लेकर राहुल गाँधी तक इसकी चर्चा
राहुल गांधी से लेकर मुख्यमंत्री तक गोहाना की यह जलेबी राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय रही है। 2024 के विधानसभा चुनावों के दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक जनसभा में कहा था कि "गोहाना की जलेबी फैक्ट्री स्थापित की जा सकती है और इसे विदेश ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि वह अपनी बहन प्रियंका गांधी के लिए भी यह जलेबी लेंगे। भाजपा ने भी इस बयान पर तंज कसा था। चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद इस प्रसिद्ध दुकान पर जलेबी बनाई और खाई। अब जब सरकारी कार्यालयों में जलेबी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, तो यह मिठाई फिर से राजनीति और सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गई है।

जलेबी की यह विशेष विरासत 1958 से शुरू हुई
गोहाना की यह विशेष जलेबी 1958 में लाला मातुराम हलवाई द्वारा शुरू की गई थी, जो गाँव जोली से गोहाना आकर एक छोटे से डिब्बे में इस जलेबी को बनाते थे। शुरू में, बिक्री सीमित थी, लेकिन जब गोहाना में अनाज बाजार बनाया गया और किसानों ने जलेबी खरीदना शुरू किया, तो यह मिठाई धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध हो गई।

पारंपरिक स्वाद आज भी संरक्षित:
लाला मातुरम के पोते रमन गुप्ता कहते हैं, "मेरे दादाजी ने 1958 में यह दुकान शुरू की थी। उन्होंने देसी घी का पारंपरिक स्वाद विकसित किया। हम आज भी वही कर रहे हैं। यही कारण है कि यह मिठाई मुख्यमंत्री से लेकर आम जनता तक लोगों की पसंदीदा बनी हुई है। रमन कहते हैं कि "यह मिठाई शुद्ध देसी घी में तैयार की जाती है, इसलिए इससे नुकसान होने की संभावना बहुत कम होती है। अगर कोई कैलोरी के बारे में चिंतित है, तो वे कुछ व्यायाम कर सकते हैं।"

दुनिया में मशहूर
आज गोहाना की यह जलेबी न केवल पूरे हरियाणा और भारत में प्रसिद्ध है। लेकिन इसे विदेशों में भी निर्यात किया जाता है। विशेष अवसरों पर, लोग इसे ऑनलाइन या ट्रेनों के माध्यम से ऑर्डर करते हैं। इससे स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।

सरकारी प्रतिबंध के बावजूद मांग अभी भी बनी हुई:
भले ही सरकार ने कार्यालयों में समोसे और जलेबी जैसे खाद्य पदार्थों पर प्रतिबंध लगा रही हो, लेकिन जनता के बीच गोहाना की जलेबी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। यह मिठाई आज भी हर त्योहार, शादी या खुशी के अवसर पर लोगों की पहली पसंद बनी हुई है।