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25 जुलाई के लिए किसानों ने किया बड़ा एलान, घरों से सोच-समझ कर निकलें बाहर

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Punjab News: पंजाब के किसान और मजदूर राज्य को पुलिस राज्य में बदलने के भगवंत मान सरकार के फैसले और पंजाब में धरना और विरोध प्रदर्शनों पर लगाए गए अघोषित आपातकाल के खिलाफ 25 जुलाई को संगरूर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस संबंध में संगठन के नेता अमरजीत सिंह बैंस की अध्यक्षता में रोपड़ जिले के संघर्षरत संगठनों की आज गांव मुन्ना के गुरुद्वारा साहिब में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

बैठक के दौरान मौजूद कीर्ति किसान मोर्चा के अध्यक्ष वीर सिंह बरवा और पंजाब छात्र संघ के अध्यक्ष रणवीर सिंह रंधावा ने कहा कि ट्रेड यूनियन के नेताओं को संगरूर में गिरफ्तार किया जा रहा है और जेल में डाला जा रहा है। नेताओं ने कहा कि पूरे पंजाब में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम दिया जा रहा है और दोषी पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार करने के बजाय पदोन्नत किया जा रहा है।

यूनियन नेताओं ने कहा कि 25 जुलाई के विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए रूपनगर जिले के विभिन्न गांवों में बैठकें की जाएंगी और बड़ी संख्या में लोगों को संगरूर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। संगठन के नेताओं ने कहा कि लैंड पूलिंग नीति के तहत किसानों की 40 हजार से अधिक जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है और कॉरपोरेट क्षेत्र को दी जा रही है। जिसके चलते किसान अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष का रास्ता अपना रहे हैं। Punjab News

इस संगठनात्मक संघर्ष को दबाने के लिए लोगों में पुलिस का डर पैदा करने के लिए पंजाब को पुलिस राज्य में बदला जा रहा है। जिसके लिए उपरोक्त संगठनों के प्रतिनिधियों ने पंजाब के सभी लोगों से 25 जुलाई को होने वाले विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील की।  इस अवसर पर एसजीपीसी के अध्यक्ष श्री मंजिंदर सिंह सिरसा, श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जसविंदर सिंह, पूर्व राज्यसभा सदस्य और वर्तमान में श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के संचालन निकाय के अध्यक्ष श्री एस तरलोचन सिंह और पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के पूर्व कुलपति डॉ. जसपाल सिंह भी उपस्थित थे।