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GST Reforms: सस्ता होगा ये सामान, GST में हो सकता है बड़ा बदलाव, जाने क्या है मोदी सरकार का प्लान 

जाने विस्तार से 

 

GST Reforms: खबरें हैं कि केंद्र की मोदी सरकार जल्द ही GST में बड़े सुधार लाने की तैयारी में है। ऐसा लग रहा है कि GST में अब तक के स्लैब को घटाकर सिर्फ़ दो स्लैब करने और कोई फ़ैसला लेने की संभावना है। सरकार ने इस संबंध में योजना भी तैयार कर ली है। ऐसा लग रहा है कि केंद्रीय मंत्रिसमूह भी इस पर चर्चा करके इसे मंज़ूरी के लिए GST परिषद को भेजेगा। 

हालाँकि, गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भरोसा दिलाया है कि पूरी प्रक्रिया दिवाली से पहले लागू होने की संभावना है। यह लंबे समय से GST को लेकर हो रही आलोचनाओं का जवाब होगा। दरअसल, मौजूदा बहुल प्रणाली के कारण विभिन्न वस्तुओं की कीमतों को लेकर भारी विवाद चल रहा है। इसी संदर्भ में, केंद्र सरकार इसे घटाकर सिर्फ़ दो स्लैब करने का फ़ैसला ले रही है। ऐसा लग रहा है कि स्लैब भी सिर्फ़ पाँच प्रतिशत और 18 प्रतिशत ही तय किए जाएँगे। GST Reforms

केवल दो स्लैब तय करने के फायदे इस प्रकार हैं:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में 15 अगस्त को लाल किले से बोलते हुए जीएसटी पर एक बड़ा ऐलान किया। इसके साथ ही, ऐसी खबरें आ रही हैं कि दिवाली तक देश भर के व्यापारियों के सामने आने वाली जटिलताएँ दूर होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आश्वासन के साथ, दिवाली से पहले एक और दिवाली आने की संभावना का जश्न मनाया जा रहा है। आइए जानते हैं इस मल्टीपल स्लैब सिस्टम को हटाने और केवल दो स्लैब दरों की घोषणा करने के क्या फायदे हैं।

दरअसल, जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ है और इसे लगभग 8 साल पूरे हो चुके हैं। इस संदर्भ में, केंद्र सरकार ने जीएसटी के प्रदर्शन की समीक्षा की है और इसमें सुधारों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है, खासकर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को लाभ पहुँचाने के लिए। इसी के तहत, केंद्र सरकार स्लैब को और सरल बनाकर फैसला लेने की तैयारी कर रही है।

- स्लैब संरचना में सुधार: वर्तमान जीएसटी कानून के तहत कई क्षेत्रों में उलटा शुल्क ढांचा (कच्चे माल पर अधिक कर, तैयार माल पर कम कर) एक बड़ी समस्या है। उदाहरण के लिए, एक बिस्किट पैकेट के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर 18 प्रतिशत टैक्स लगता है, जबकि बिस्किट पैकेट पर 12% टैक्स लगता है। अगर ऐसा किया जाता है, तो छह प्रतिशत टैक्स छूट का जोखिम है। ऐसा सभी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। GST Reforms 

- दरों का युक्तिकरण: स्लैब को मौजूदा स्लैब तक कम करने से कई वस्तुओं की कीमतों में कमी आने की संभावना है। इससे लोगों की जेब पर बोझ कम होगा और बाजार में खपत भी बढ़ने की संभावना है। खासकर, इन सुधारों से महिलाओं और गरीब तबके के लोगों को सीधा फायदा होने की उम्मीद है। साथ ही, व्यापारियों को जीएसटी फाइलिंग में आने वाली कठिनाइयों से भी निजात मिलेगी।